Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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मलका 350. जहा अंतो तहा बाहि । 402. जहा जहा अप्पतरा से जोगा। 442. जइ नऽत्थि नाण चरणं । 455. जहा सुणी पूइकण्णी । 509. जस्संतिए धम्मपयाई सिक्खे । 527. जस्सेयं दहओ नायं । 572. जत्थेव पासे कइ दुप्पउत्तं । 573. जस्सेरिया जोग जिइंदियस्स । 596. जहा कुम्मे सअंगाई।
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1173 1248 1248 1406
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360.
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155. जावज्जीवमविस्सामो । 181. जारिसा माणुसे लोए । 257. जा चिट्ठा सा सव्वा । 294. जाणमाणो परीसाए । 334. जाइ मरणं परिण्णाय । 378. जाणित्तु दुक्खं पत्तेयं सायं । 404. जाणं करेति एक्को । 422. जावन्ति लोए पाणा ।
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100. जिणवयणम्मि गुणागर । 137. जिनेषु कुशलचित्तं । 448. जिणजणणी रमणीणं । 535. जिइंदिए जो सहइ ।
139 283 1144 1174
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63. जीवियं नाभिकंखेज्जा ।
6 130 348. जीवियं दुप्पडिबूहगं ।
6 733 603. जीवा णो वुड्डंति नो हायति ।
6 1419 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-60 220
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