Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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595.
486.
200.
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8.
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360.
473.
388.
सूक्ति का अंश
जं किंचुवक्कमं जाणे ।
जं मे बुद्धाऽणुसासंति ।
ज्योतिर्मयीव दीपस्य ।
झाण जोगं
समाट्टु 1
झा
ड
डहरेण वुड्ढेणणुसासिए उ ।
ण
ण विरुज्झेज्ज केणई ।
णय परस्सपीड़ाकरं सावज्जं ।
वहिं ठाणेहिं गुप्पत्ती सिया ।
ण एवं भूतं वा भव्वं वा ।
ण उच्चावयं मणं णियंछेज्जा ।
णच्चा णमइ मेहावी ।
ण यावि किंचि फरुसं वदेज्जा ।
ण याऽवि पन्ने परिहास कुज्जा ।
ण या ssसियावाय ।
ण कत्थइ भास विहिंसइज्जा ।
णत्थि छुहाए सरिसया वियणा ।
णा
णाणातिकारणावेक्ख ।
णाज्जोया साधु |
तिं सहती वीरे ।
णाऽपुट्ठो वागरे किंचि ।
णि
अभिधान सर्वेन्द्र म
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गिट्टियट्ठी वीरे आगमेण ।
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस खण्ड-6 222
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