Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora

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Page 267
________________ | क्रमाडूः सूक्ति नम्बर सक्ति शीर्षक 430 114 431 362 432 452 433 454 434 461 486 435 436 492 विचित्र मानव विरले आत्मरत्नपारखी विद्या, वशीकरण मन्त्र विनीत कौन ? विनयान्वेषण विनीत शिष्य विनीत-अविनीत लक्षण विनय-ज्ञान युक्त शिष्य विनम्रता किसके प्रति ? विनय से इष्ट-प्राप्ति विनय-वर्तन विनय-सौरभ विनीत सर्वजन प्रिय विष और विषय में महदन्तर 437 499 509 512 438 439 440 441 442 521 560 562 4.12 577 444 346 357 445 वीर-प्रशस्ति वीर निर्विकल्प वीरसाधक असहिष्णु वीतरागता-फल 146 360 . 447 580 10 448 299 वेशमात्र से श्रमणत्व नहीं 449 450 451 .7 118 305 590 604 606 वैर-विरोध-त्याग वैरभाव-विस्मृति वैज्ञानिक दृष्टि से वर्जित वैर वृत्ति वैयावृत्त्य-परिभाषा वैयावृत्त्य से तीर्थंकर 452 453 454 454 ( अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6 • 259

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