Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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57. जे निव्वुडा पावेहि कम्मेहिं । 59. जे वेऽन्ने एएहिं काएहि । 103. जेण विरागो जायइ । 214. जे विय लोगम्मि अपरिसेसा । 263. जे जत्तिया य हेउ भवस्स । 358. जे ममाइयमई जहाइ । 374. जे छेए सागारियं न सेवइ । 502. जे यावि मंदत्ति गुरुं वइत्ता । 512. जेण कीति सुयं सिग्धं । 514. जे अ चंडे मिए थद्धे । 517. जे आयरिअ उवज्झायाणं ।
जो 40. जो परिवभइ ६ जणं । 139. जो जारिसेण मित्ती । 416. जो सिया सन्निहि कामे ।
जो जस्स उ पाउगो। 503. जो पावगं जलियं वक्कमेज्जा । 504. जो पव्वयं सिरसा भेत्तुमिच्छे ।
जो छंदमाराहयई स पुज्जो। 574. जो पुव्वरतावररत काले।
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84. जे कुणइ भावसल्लं । 85. जं पुव्वं तं पुव्वं जहाणुपुट्वि । 195. जं सम्मत्तं पासह, तं मोणं पासह । 295. जं णिस्सितो उव्वहइ । . 410. जंपि वत्यं च पायं वा ।
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अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूकि-सुधारस • खण्ड-60 221
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