Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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मभिमान राजेन्द्र काल भाग
सूत का अश 560. विणएण णरो गंधेण । 577. विषस्य विषयाणां च ।
6
1181
6
1256
वी
580. वीयरगयाए णं णेहाणु ।
1336
वे
1405
590. वेराई कुव्वइ वेरी। 606. वेयावच्चेणं तित्थयर ।
1460
604.
1451
76.
6
133
वैयावृत्यम-भक्तादिभिः ।
वो वोसिरे सव्वसो कायं ।
वं वंता लोगसन्नं, से मइमं ।। वंदणएणं नीयागोयं ।
736
359. 398.
770
45
14. सदा जए दंते निव्वाणं । 26. समशीलं मनो यस्य स । 78. सव्वदे॒हिं अमुच्छिए ।
134 107. सयणस्स य मज्झगओ ।
148 119. सज्ज्ञानं परमं मित्रं ।
191 163. सव्वारंभ परिच्चाओ ।
295 समया सव्वभूएसु ।
295 176. सरीरामाणसा चेव वेयणाओ।
__ 6 296 203. सव्वा उ मंतजोगा सिझंति ।
6 326 204. सच्वं जसस्समूलं ।
6 326 206. सच्चं....पभासकं भवति सव्वभावाण । 6 327 207. सच्चं लोगम्मि सारभूयं ।
327 अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6 . 234
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