Book Title: Abhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Author(s): Priyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
Publisher: Khubchandbhai Tribhovandas Vora
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का
मुनिकाशा
मान राजन को
अभिमानः राजेन्द्र कोर
समानमतिका
465. खंति सेवेज्ज पंडिए । 598. खंते अभिनिव्वुडे दंते ।
6 6
1160 1407
243
127. गब्भाओ गभं, जम्माओ जम्मं । 312. गर्जति शरदि न वर्षति ।
6 . 697
121
50. 58. 185.
गारत्थेहि य सव्वेहिं । गामे वा अदुवा रणे । गारवेसु कसायसुदंड । .
124
300
6
959
52. गिहवासोऽवि सुव्वओ। 430. गिहि संथवं न कुज्जा । 533. गिण्हाहिं साधुगुण मुंच असाहू । 570. गिहिणो वेयावडियं न कुज्जा ।
1174
6
1248
295
741
162. गुणाणं तु सहस्साई । 368. गुरु से कामा । 525. गुरुं तु नासाययई स पुज्जो । 529. गुणेहि साहू अगुणेहिऽसाहू ।
6
1173
6
1174
1451
605. गेलण वेयावच्चे करेमाणे ।
गो 299. गोवालो भंडवालो वा ।
498
72.
गंथेहिं विवित्तेहिं ।
6
131
___ अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-60218
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