Book Title: Aagam 03 STHAN Moolam evam Vrutti Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 2
________________ आगम (०३) प्रत सूत्रांक [-] दीप अनुक्रम [-] स्थान [-] मूलं [-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र [०३], अंग सूत्र [०३ ] "स्थान" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्तिः Education Internation “स्थान” - अंगसूत्र-३ ( मूलं + वृत्ति:) उद्देशक [-], स्थानाङ्गसूत्रस्य मूल "टाइटल पेज" NIANIANIANIANANIANIANIANA ॥ अहेम् ॥ श्रीमत्सुधर्मस्वामिगणभृत्प्ररूपितं श्रीमच्चन्द्रगच्छालङ्कारश्रीमदभयदेवसूरि सूत्रित विवरणयुतं श्रीमत्स्थानाङ्गसूत्रम् । (प्रथमो विभागः ) BAGAL प्रकाशयित्री - १००० राजनगरवास्तव्य श्रेष्ठि मगनलाल पीतांबरदास १००० सूर्यपुरवास्तव्य श्रेष्ठि दीपचंद सुरचंद १००० छायापुरी श्रीजैनसंघ ५०१ सूर्यपुरवास्तव्य श्रेष्ठि शिवचंद सोमचंद ५०० सूर्यपुरवास्तव्य श्रेष्ठि नानचंद धनाजी वित्तीर्ण पूर्णद्रव्यसाहाय्येन श्रेष्ठि वेणीचन्द्र सुरचन्द्रद्वारा श्रीआगमोदयसमितिः मोहमय्यां 'निर्णयसागर मुद्रणालये रामचन्द्र येसू शेडगेद्वारा मुद्रवित्वा प्रकाशितम् । वीरसंवत् २४४५. विक्रमसंवत् १९७५ ( पण्यं २-१२-० ) काईट १९१८ प्रतयः १०००. JNNUMANN NNNN For Park Use Only ~1~ worPage Navigation
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