Book Title: Aagam 03 STHAN Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 1
________________ श्री स्थानाङ्गसूत्रम् नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः । "स्थान" मूलं एवं वृत्ति: [मूलं एवं अभयदेवसूरि रचित वृत्तिः ] [आदय संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ] | (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) 04/08/2014, सोमवार, २०७० श्रावण शुक्ल ८ jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित....आगमसूत्र-[३], अंग सूत्र-[3] “स्थान" मूलं एवं अभयदैवसूरि-रचित वृत्तिः ~0~

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