Book Title: $JES 921H Karuna me Srot Acharan me Ahimsa Reference Book Author(s): Pramoda Chitrabhanu, Pravin K Shah Publisher: JAINA Education Committee View full book textPage 4
________________ Jain Education International करुणा-स्रोतः आचरण में अहिंसा आज से २५२८ वर्ष पूर्व श्रमण भगवान महावीर स्वामी स्वयं जीवदया / अहिंसा का उपदेश दे रहे थे, और श्रेणिक महाराजा तथा चतुर्बुद्धि के ज्ञाता मंत्री अभयकुमार उनके श्रावक भक्त थे। जिस जीवदया का वे पालन नहीं करा सके थे, वह जीवदया जिनके वचनामृत का पान करके श्री कुमारपाल महाराजा ने उसका पालन करवाया वे कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य परम गुरू जयवंत वर्तो । उन कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य जी तथा परमार्हत् श्री कुमारपाल महाराजा को यह लघु पुस्तिका समर्पण करते हैं। 4 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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