Book Title: Yukti Prabodh
Author(s): Rushabhdev Keshrimal Jain Shwetambar Sanstha Ratlam
Publisher: Rushabhdev Keshrimal Jain Shwetambar Sanstha Ratlam
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
ग्रन्थकृदा
युक्तिप्रबोधे ॥११॥
४ाद्याचार्या भिधान
FASHARE
समुच्चयो
५८ अमृतचन्द्रः
९४ अभयचन्द्र: ५९ गृध्धपिच्छः
१०६ जिनदासः ६१ मानतुंगसूरिः १०७ हेमाचार्याः ६३ श्रुतसागरः ६६-६७-७० १०८ कुन्दकुन्दः ६२ अमृतचन्द्रः ६३ १०९ वामदेवः ६४ जिनदासः
१२२ सकलभूषणः ६८ सिध्धसेनदिवाकरः १२४ जिनसेनः १२६ ७१ आशाधरः
१२७ जगन्नाथः ७२ जिनसेनः
१२९ समंतभद्र: ७२ उमास्वातिः
१३३ जिनसेनः ८३ हेमसूरिः
१३७ उमास्वातिः ८३ अमृतचन्द्रः
१३८ शुभचन्द्रः
१४४ अमृतचन्द्रः ९३ शुभचन्द्रः
| १४७ जिनसेनः
|१४५ वीरनंदी १५० शीलांकाचार्याः १५३ उमास्वातिः १५६ मानतुंगः १५८ शीलांकाचार्याः १५९ समंतभद्रः १६६ ब्रह्मदेवः १६७ आशाधरः १६८ ब्रह्मदेवः १६८ शिवकुमारः १६९ आशाधरः १७२ हेमराजः १७३ जिनसेन १८४ यतिवृषभः
१८४ भूतबली १८५ हेमराजः १८९ अमृतचन्द्रः १९० शांतिसूरयः १९१ अभयदेवसूरयः १९४ देवेन्द्रसूरयः १९८ रत्नशेखरसूरयो २०२ समंतभद्रः २०२ आशाधरः २०६ आशाधरः २२२ सकलकीर्तिः २२२ आशाधरः
FOR5RS551545
-%
-
%
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 234