Book Title: Yukti Prabodh
Author(s): Rushabhdev Keshrimal Jain Shwetambar Sanstha Ratlam
Publisher: Rushabhdev Keshrimal Jain Shwetambar Sanstha Ratlam
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युक्तिप्रबोधे ॥९॥
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साक्षिग्रंथानामनुक्रमस्त्वे वं
१८६ आदिपुराणं | १८६ हरिवंशः |१८६ पंचकवस्तुकवृत्तिः | १८७ गोमट्टसारवृत्तिः १८८ गोमट्टसारवृत्तिः १८८ उत्तराध्ययनवृत्तिः १८९ तत्वदीपिका |१८९ गोमट्टसूत्रं |१८९ भगवतोवृत्तिः १८९ उत्तराध्ययनं |१८९ गोमट्टसारः |१९० भगवतीबृत्तिः
१९१ प्रवचनसारवृत्तिः | १९२ चिंतामाणिः
(१९२ गोमट्टसारसूत्रवृत्तिः १९३ भावनासंग्रहः २९३ आदिपुराणं १९४ उत्तराध्ययनवृत्तिः १९४ दत्वार्थः १९४ कर्मग्रंथवृत्तिः १९५ अनुयोगद्वारवृत्तिः १९५ योगशास्त्रावांतरश्लोकाः १९६ आदिपुराणं १९६ गोमट्टसारः १९६ प्रवचनसारः १९६ तत्वार्थः १९७ उत्तराध्ययन |१९७ लोकनालद्वात्रिंशिका
१९७ उत्तराध्ययन १९७ क्षेत्रसमासवृत्तिः १९८ प्रवचनसारोद्धारः १९८ प्रज्ञापनावृत्तिः १९९ आदिपुराणं १९९ रत्नमाला १९९ प्रज्ञापना १९९ दशवकालिक १९९ सूत्रकृदंग २०० स्थानांगसूत्रं २०० दशकालिकं २०० उत्तराध्ययनं २०० प्रवचनसारवृत्तिः २०१ बोधप्राभृतं
२०१ विशेषावश्यक २०१ प्रवचनसारवृत्तिः २०१ भावनासंग्रहः २०२ श्रावकाचारः २०२ श्रावकाचार: २०२ षट्प्राभृत २०३ आदिपुराणं २०३ गोमट्टसारवृत्तिः २०३ द्रव्यसंग्रहबृत्तिः २०४ हरिवंशः २०५ आदिपुराणं २०६ श्रावकाचार: २०६ चारित्रसारः | २०६ आचारांग
SANSWARA
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