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मेहसाना जैन धर्म का एक लोकप्रिय तीर्थ है। आचार्य श्री कैलाश सागर सूरि जी की प्रेरणा से निर्मित इस मंदिर की इमारतें दूर से ही दर्शकों का मन मोह लेती है। प्राचीनता की दृष्टि से इस नगर में निर्मित मंदिरों में ११वी १२वीं शताब्दी के शिलालेख प्राप्त होते हैं किन्तु हम जिस तीर्थ मंदिर को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करना चाह रहे हैं वह अर्वाचीन युग का अवदान है।
मेहसाना का श्री सीमन्धर स्वामी जैन तीर्थ मंदिर २०वीं सदी की देन है इस सदी में नए रूप से स्थापित तीर्थों में मेहसाना तीर्थ का नाम सर्वोपरि है। मंदिर का निर्माण हुए कोई बहुत वर्ष नहीं बीते हैं पर जिस गति से इस मंदिर ने तीर्थ का रूप धारण किया है वह अपने आप में एक आश्चर्य है।
जैन मंदिरों में भरत क्षेत्र में हुए तीर्थंकरों की प्रतिमाएं विराजमान रहती हैं। किन्तु इस मंदिर में भगवान श्री सीमन्धर स्वामी की विशालकाय प्रतिमा प्रतिष्ठित है जो इस समय महाविदेह क्षेत्र में विहार करते हैं । महाविदेह क्षेत्र भरत क्षेत्र की तरह ही एक अन्य क्षेत्र है जहां इस समय भी तीर्थकरों का जन्म, कैवल्य और निर्वाण सम्पन्न होता
मूलनायक श्री सीमन्धर स्वामी
भगवान श्री सीमन्धर स्वामी के मंदिरों में यह मंदिर सबसे बड़ा माना जाता है । बड़े ही सुन्दर संयोजन एवं कलात्मक प्रस्तुति के साथ मंदिर का निर्माण किया गया है वह अपने आप में औरों के लिए आदर्श है। मंदिर की भव्यता और शिल्प से अभिमण्डित विशालकाय प्रतिमा एक ही नजर में पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं को वशीभूत कर लेती हैं।
इस मंदिर के अलावा नगर में १४ अन्य मंदिर भी हैं। जब कभी अवसर मिले मेहसाना तीर्थ का अवलोकन जरूर कर लेना चाहिए।
मंदिर का अभिमुख
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