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इस प्रतिमा को अद्भुत बाबा के नाम से भी पहचाना जाता है।
शत्रुजय पर्वत की मुख्य ढूंक में तीर्थंकर ऋषभदेव की प्रतिमा विराजमान है । श्वेतवर्णीय यह पावन प्रतिमा २.१६ मीटर की है। इस अतिशयवान प्रतिमा के दर्शन-पूजन के लिए लोग तरसते रहते हैं । प्रतिमा के दर्शनमात्र से श्रद्धा का सागर उमड़ पड़ता है। इस पर्वत
और प्रतिमा की पावनता के लिए ही तो कहा गया, 'जिण शत्रंजय तीर्थ नहीं भेट्यो, ते गर्भवासकहंत रे।'
मूल मंदिर के पृष्ठ भाग में रायण वृक्ष है । वृक्ष काफी प्राचीन है। कहा जाता है यहां इसी वृक्ष की छाया में तीर्थंकर आदिनाथ ने सुदीर्घ तपस्या-साधना की थी। यहां तीर्थंकर आदिनाथ के ४७४२५ इंच की विशाल चरण पादुकाएं प्रतिष्ठित हैं।
पालीताना में पर्वत के अतिरिक्त तलहटी में समवसरण मंदिर, आगम मंदिर, जम्बू द्वीप, विशाल म्यूजियम आदि भी दर्शनीय हैं। इस महातीर्थ की यात्रा सचमुच जीवन का सौभाग्य है।
पालीताना गांव एवं तलहटी: विराट दर्शन
शत्रुजय के सोपान
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डांडिया रास
शत्रुजय-नदी
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