Book Title: Varttaman Chaturvinshati Jina Pooja
Author(s): Bakhtavarsinh
Publisher: Bakhtavarsinh

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ चौबी० पूजन संग्रह १ अथ श्री ऋषभनाथजिन पूजा प्रारभ्यते। ... (वखतावर सिंह कृत) (छन्द कोसमालती) " स्थापना-सर्वारथ सुविमान त्याग कर नगर विनीता जन्मे आय । .. पितानाभिराजा अति सुंदर मरु देव्या है जिनकी माय । लक्षण वृषभ चरण में राजे, धनुष पांच सौ उन्नत काय । . हेम वरण तनु अद्भुत सोह सो प्रभु तिष्ठ तिष्ठ इत आय। ॐ ह्रीं श्रीऋषभनाथ जिनेन्द्र अत्रावतरावतर संवौषट् आह्वाननम् । । ॐ ह्रीं श्रीऋषभनाथ जिनेन्द्र अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनम् । डों ह्रीं श्री ऋषभनाथ जिनेंद्र अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधीकरणम् । अथ अष्टक (छन्द गीता) जल-हिमन गिरि पे पद्मद शुभतास को जल श्वेत है। वररतन जडित सुहेनझारी तासमें भरलेत है। . नृपनाभिराय जुवंश नभ में इंदु ऋषभजिनंद ही। पूजं सु हितकर चरण अंबुज हरत जग के फंदही।

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 245