Book Title: Uvavai Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kesharvijay
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 37
________________ तयायोदिमासंतलावि विसनियाज्ञादेति विसच्याइदिने घर मणपन3करणहारतम कलंकहतापमानवविहाणातावमा अपहतुकदानासंबंधाचवान्नानिय माकपातयणतिवारपबतमहिमाबमहावारकमवन निदासघकाबासदावसध्यानपका । एमालश्रमतिावदिकासित्रिकटु विसतितावासमातिगमहावार कोपपताया सत्यानन नारायनानक पावसरित फूलविकावयनकमनत्याकमलहरणवमेघवाझंतनाकामनसत. यधरऊनाराविषयमा तिहाईतवारमबीपंहस्साले कसंघलासानाफूलसक मालमध्यनेमीकमलनापाघडोनमकमलहरगनादेशमनमनमलनवा पलाएपत्तावननिशाकर कनिहाइपकास अघसूडानाराघवाचनका कासनव जग यामा कन्वयनकालको लुम्मिलितमि श्रदाधारणहार स्त्रासामध्यगीत किसयसुधमुहगड वहमीप्रभागतिहारागरंगविहानसभामरातोकमलनागरवत्यत्रिछा स्वनिमरातमधएयिकसयसरवन विडसनिङनसमहईकराजलंत भकश्हादिकतिपटकमलनागनतहमाबाबकवकासनीकरनाररहवामा रखमाकरणााडाहनाश्मदायसनाक वालमानसमंददायतमताहा वनदयाम्या स्नारया पानामनगर द्वरागसरिस कम्मलागरसंडबीएमिनार महासरसम्मिदिणकारातयसाजलातागबचे जाहोमानियमामध्यवमिचित्पदैवालाताहांसतिश मारवावाधान यशाप नईवधस्वतस्वाना माझानेयहमोगसंयम नयबारानवत यसान नसामाश्याचस्वयहचानक सप्तरनिदणकारी राइकरामा घागरा वातातिएतापवनुवागबतिरवा अहापभिरू नयहमिहिना संऊमिणं योश्चात्मामाविमारीमावत विवरऽ प्रवतिकवचरत नेणे " नवनM A HANIल श्रमणमाकरमारनगवंतमहमायतम हावारकमशनुभाजायणहार तिवसा मानावनाविहातियातकालतसम्म समरसतावमहावार र

Loading...

Page Navigation
1 ... 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211