Book Title: Uvavai Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kesharvijay
Publisher: ZZZ Unknown
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यासा
परनाकपजेहनते निग्रानादिकानि कामनावांबाविनाबमवयनकायां नेतनश्निाशय्यापरिनिकसंघता तेनेकदियो । मईका कनार्याकरतायोमका विश्वमताधितिमाता बानानेगम नवाजवाया।
रुपनaha
स्करबर रंतसमारंतिवित्रिका कामबंसवेश्वास सासवसिपातिकमति तापनि पणासनिधरदतायातकायोर्सयममामलपकारे वरिममेषबोनापजाणिवा नावाश्यकानेशपरणबोलतियांगवतसविसदसवरमा याभण्यासावविद्वारा विदरबवासाशंसतावडाववमवाससवरमा विता नास्क्रितिकसति जेषत्वात्यासंमाराकानावबई यामागरणगनिगरानारवटमबोणमुरवयाटण पाश्रमसंवार यासना बगासमेशमगागरागगराणगमरा यहाखिडकवडमंडबादाणमुहपामासमसंबाद इत्यादिकसमिधेमा पनलेवामेमनुष्यदव तेकवरब एकधाननवव्यबाजपणानasव्य बब्बबामापर वाययाणानायाम गौतमते पाय नसाव्यतन दिकनधि) शादिश
नवनेरस कोनत्यश्वेऽयवा एकपाशानवत्य बबनानादिकविनयजे सतिावास मातवेति नऊहादमविविधादानश्या दासत्रमा दयाएकारसमा मायमा निगावागामध गृहाने राय वर्मशास्त्रनायातक देवादिकनावि कियावा इतना भर्मासमा पदयान्यादिदेन सर्वकचातेमनुनकल्यन३६॥ कानन Rधमिाने नयकर विनयवालवावक
ध्यान यो मितिमा धावितका प्राविछि बिरुहट साधकापसिनाधातिसिंमाया शोकपाल पाचनावर
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