Book Title: Uvavai Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kesharvijay
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 166
________________ मियामानasnवगतमा घावनिपूर्ण पूरा ऊपारिवातात्रिकामादिननाएतलाई बतियतिरायस्थ कमालमहाला हिनवास अतिक्रमेघनश्यायपगबहाव भावाष्टकाने मातबगामा बऊपरियामा अमराईभियावातिवंतासुकमालपाणियादिकाव रा समाचंकमातहनापरिमीय कातकामनायवासी सुस्वरूपाचा हवामदारयेटी तिवारयातेदारकबालकनीमातापितापहला दिवसतश्या मनोहा या कारवाहन पातिवन नाम जगपश्वस्य विसिवरियकालकमागपजमिमचिन्तयाम्पयनयान । करता करस्पर ससिसामाकार कंतपिश्रदमा मुकाबदारए ययाहिति जानतस्सदारात्मानमाविशारामिदिवास पश्वनावाजादिवविविधा एतलवारीसेदेिवडिहा दिवसमाविलागरिकाप्यम लवणनवाई करविक्षवानलाडकर नस्पज्ञा विदमासयनवदरसणकरावे बेवकरश्यालश्क रीलराधिकांगरणकररातिकागरण पारदीवसिवतावासमक्षधकतनावश्यक विश्वयिंकाहिंततिएदिवासवंदसूरसदसणिकाहिंति बढेदिवासघामडागरिकाहिंति एक्कार अनाविमालसमानांडालसम्म संशप्तश्राध्यसबारमादिवधिहनविश्वकमारनामाता/पितानईएहवासिहमस्वरूपकहामणकर कातिल नाहीशाईलापणन SAम त्यतबसहतरहदासहतरण करीनश्सहसाबमापन करी सामदिवासवानिति चिनियात्रामईशायकापकरणो|संपानबारसामदिवास प्रामाणियारानाव! रहनामभयकहतीनोमकरस्य शिवारमअम्हारभएबालकनिधेिवमायाव्यशकीवात रागनानिविधेटघरमाका अस्पातहकारण गोनियIALAऊंकाहिति ऊहाणंटेमसिदार्गमिगतसिवेवसानिधदव्यविमान ASSE EKSIANSERTISERE Coundtimahir

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