Book Title: Uvavai Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kesharvijay
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 154
________________ वनमस्त्रकार पगद्यदिरिया पाडका काधना बानाप पाय एकातदेशन विधुनी नाममदापन मादिहताकता येन्यू मवर्मधारय में३३|| वान नागलीया बापामाशन 2ए पापाय पाम्यानमारवाएगाल्पकिना गंगमहापादिता बानुबासंधारण मंशारत्रया मलेषनदेवननिदानमा नानपाणायचरवामप्रनिशयस्य पादपोगमवाय मणश्रणवकंचणीवन विश्वनिपक्षवर्धवाशा। वराज पाhaa- वापिवई। तिनयतवा |घरितासालहमा मिना सनशापयतिमात्र किनाjarsame काखावाखमा बिहारनपत्रिका माहोमादिमरून ममायई एअर्थशायणसंघावकरियशसानलाई विदामिद जाज्ञायललाबाजाबोलएका नावानई गंगानीममदा मोटाना मादिक मातलाई ENAM मानिए यमपनि शिकण्य डावपगातयनि पनि गाहाकाहानी जरा वेदनामधारायाधर यावशनई वालुकांनी या शकय विवस प्रवासनप्रति मुरवसामुदाणलवादानावश्या करतलूदायवेक -जोकालाई रना बानुबासंघासा संघरनिवातला संघारंउकातिरना छान्नासिमुहासंघलिकानिसमा करयन जावतशयधावा कालवा नमस्कार जय अनंता असंतकवि जावाश्यकचानाबो नमस्कारयो नपन करणादार ज्ञानवश्राम दावारमश जावयका जाबोनय मित बोलण्या नियो नमोश्यतेनथायजा सवान मावक एवंववासी IAS अरहनामवयना मामाका समागमहावारमा जा नि

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