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धनुष्य साधन विश्व बजेपशनीयारया लानेच ग्रागलिश्कानुक्रमच्यच्य॥॥॥ जियांश्शता मासा
तिहारपखति को णिकराजा
महाद्वारसंपद्वियं तातपतिरुणिया हासाय सु
नवरा
रसाल जब इन कुंडलकाननाच्या नरक राजद्योत मुकटेश दास हिस्व मनुष्यमादिसमनुमेवमनुषामा बिधत मनुष्य चैन की श्रानन मुखोदन मस्त्र कम र विजेशाई। समान स्वामी કૂંડા समाना कयरयवात्र कुंडलन को विश्रामी, मनुमदिन सिरए पारसाहि परवर सासिद पावसाल मणु जातियां माहिरश्न कल्कत्यधिक राऊते जलती एकरीन। दानरसाला हाथानावरान स्कंध की धाक कोटिहनी मान् वर्तमाना
दाममा लाइक
अगयवमत्त कप्पे अनहिरा यात यल बीए दिष्पमाण
'दार के वानराननल वनासहितवरुदयाल
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पालिस पाय त्राणीचं
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चिखानवर गए ताका रिंटमज्ञदाम
यदि यह बम धीराजन ईश्क है। स्वेत वर प्रधान बियासेचा मर वीजा) वैश्मशाईन मारायजयराजानी पर इनर अनुमान यतिस्त्वामरपति ईश्वी स नाककरि
ात्र घरमा
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सयवश्वासद उमा पाहिं विमोचनरवई अमरव
राधाककिराना) बइकालिज दना ॥ हयद्योमाग जस्ता रहरघ मोटा संग्रामिक व प्रधान योधमुलाच्या दिप्रकाराची गेसराना मानवियाधिक पहियासिकाभी इकरा कलितमनोर श्राशितधक ॥
हिसार इडीए परिस किती दरवरको हक लियाए वानरंगिया||सए समरामायण
पत्र