Book Title: Updeshmala
Author(s): Kirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan

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Page 526
________________ परिशिष्टम् गाथा/पत्राङ्कम् ४४८/४५२ ३८५/४३२ १५५/३१४ ४४५/४४९ २५५/३९४ ११२/२२४ ४९८/४६७ १३५/२३६ १३७/२३८ ४४४/४४९ [१] उपदेशमालायां मूलगाथानामकाराद्यनुक्रमः ॥ गाथांश: गाथा/पत्राङ्कम् | गाथांशः [अ] अरहंता भगवंतो अंगारजीववहगो १६८/३२४ | अलसो सढोऽवलित्तो अंतेउरपुरबलवाहणेहिं ४९/१६६ अवरोप्परसंबाहं अइसुट्ठिओ त्ति गुणसमुइओ त्ति ६८/१९६ अवि इच्छंति य मरणं अक्कोसणतज्जणताडणाओ १३६/२३६ अवि नाम चक्कवट्टी अक्खरमत्ताहीणं ५४४/४७८ अविकत्तिऊण जीवे अच्चणुरत्तो जो पुण ५२२/४७२ अस्संजएहि सव्वं खइयं अच्चिय-वंदिय-पूइय १८७/३६७ अह जीवियं निकितई अट्टहासकेलीकिलत्तणं ३१६/४१२ अहमाहउ त्ति न य अट्ठमछट्ठचउत्थं ३७०/४२९ अहियं मरणं अहियं च अणवट्टिइं मणो ४८६/४६४ [आ] अणुगम्मइ भगवई १३/८६ आउं संविलंतो अणुराएण जइस्स वि १४१/२३९ आजीवगगणनेया अणुवत्तगा विणीया ९७/२१० आजीवसंकिलेसो अणुसिट्ठा य बहुविहं २१६/३७५ आणं सव्वजिणाणं अन्नोन्नजंपिएहिं २२४/३७७ आणाइ च्चिय चरणं अपरिच्छियसुयनिहसस्स ४१५/४३९ आमुक्कजोगिणो च्चिय अपरिस्सावी सोमो ११/८३ आयरतरसम्माणं अप्पहियमायरंतो १०८/२२० आयरियभत्तिरागो अप्पा चेव दमेयव्वो १८५/३६७ आरंभपायनिरया अप्पा जाणइ अप्पा २३/१०० आलावो संवासो अप्पागमो किलिस्सइ ४१४/४३९ आसन्नकालभवसिद्धियस्स अप्पेण वि कालेणं २५२/३९३ आसायण मिच्छत्तं अबहुस्सुओ तवस्सी ४१२/४३८ आहारेसु सुहेसु अ अभिगमण-वंदण-नमंसणेण १६६/३२२ [इ] अमुणियपरमत्थाणं १४३/२४१ इंदियकसायगारवमएहि अरसं विरसं लूहं ३२५/४१४] इक्कस्स कओ धम्मो अरहंतचेइयाणं ५०२/४६८] इच्छइ य देसयत्तं ४६७/४५९ ४५९/४५४ २८२/४०३ ५००/४६७ ५०५/४६८ ५२८/४७४ ५२४/४७३ १००/२११ ४६२/४५७ २२३/३७७ २९०/४०५ ४१०/४३८ ४०/१३९ ४६०/४५७ १५६/३१४ ४०६/४३७

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