Book Title: Updeshmala
Author(s): Kirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan

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Page 542
________________ ८० १६१ १७ परिशिष्टम् [५] उपदेशमालाकर्णिकावृत्तौ विशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः ॥ विशेषनाम पत्राङ्कम् | विशेषनाम पत्राङ्कम् [अ] अञ्जन [ अद्रि] ३४५ अकम्पित [विप्रपुत्र] ८० अतिपाण्डुककम्बला [ शिला] १७७ अक्रूर [विजयसेनापुत्र] १७१ अतिभद्रा [ द्विजभार्या ] अक्षयतृतीया [पर्व] २६ अतिमुक्त [कंसानुज-व्रती] १७४, १७५, १७९, १८१ अक्षोभ्य [दशाह] १७० अनङ्गसेना [ वेश्या ] ३८७ अग्नि [दारक] २७२ अनन्तवीर्य [ नृप] २७३ अग्निदेव [ उपवन] अनन्तसेन [ देवकीसूनु-मुनि] १७५, १८१ अग्निद्योत [द्विज] अनलगिरि [ करी] ३४० अग्निभीरु [ रथ] ३४० अनादृत [ देव] ३१० अग्निभूति [ द्विजपुत्र-विप्र] ३६, ८० अनिन्दिता [ दिक्कुमारिका] अग्निशर्मा [त्रिदण्डी] १०३ अनिरुद्ध [ प्रद्युम्नपुत्र] १८१ अघोरशिव[ ब्राह्मण] अनीकयश [ देवकीसूनु-मुनि] १७५, १८१ अङ्ग [ देश] ११५ अनुत्तर [विमान] २३ अङ्गवीर [ राजा] अवन्तीश | [प्रद्योत] ३४० अङ्गारक [ज्वलनवेगसूनु] १७१ अवन्तीपति अङ्गारवती [खेचरी] १७३ अन्धकवृष्णि [शौरिपुत्र ] १७० अङ्गारवती [धुन्धुमारसुता] २२६, २२७ अन्ध्र [ देश] २७८ अङ्गारवती [ प्रद्योतस्त्री] १३३ अन्नकूट [कौटुम्बिक] अचल [दशाह-बलभद्र ] ३७, १७० अन्निका [ वणिक्स्वसा] ३२७ अचलपुर [ पुर] अन्निकापुत्र | [ अन्निकासुत-सूरि] ३२८, ३२९, ३३० अचलभ्राता [ द्विजपुत्र ] अन्निकासूनु| अच्छन्दक [पाखण्डी] ५२, ५३ अपरविदेह [ क्षेत्र] अच्युत [गृही] अपराजित [अनुत्तरविमान] १७६ अच्युत [द्वादशदेवलोक] १४, १७७, २१३, ३४६, २१३ अपराजिता [ दिक्कुमारिका] १८ अच्युतेन्द्र [द्वादशदेवलोकेन्द्र ] अपराजिता [पुर] अजित [द्वितीयतीर्थकर] १४७ अपापा [पुरी] ८०, ८१ अजितसेन [ देवकीसूनु-मुनि] अपापा मध्यमा [पुरी] ७८ २८० १५२ ८० ४७ १९ १८१

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