Book Title: Updeshmala
Author(s): Kirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 561
________________ १७० ४०० | स्थूणाक ५१८ सुस्थित [अब्धिदेव] सुस्थित [ मुनि] सुस्थित [ सूरि] सुहस्ती [ आचार्य] सूरदेव [सुरप्रभदेव] सूर्यकान्त [ प्रदेशिपुत्र] सूर्यकान्ता [ प्रदेशिप्रिया] सूर्यपुर [ पुर] सूर्याभ [ देव] सेडुक [ब्राह्मण] सेणा [शकडालपुत्रिका] सेवाली [ तापस] सोम [ क्षत्रिययोनि] सोम [विप्र] सोमचन्द्र [क्ष्माप-ऋषि] सोमदेव [ द्विज] सोमदेव [पुरोहित] सोमदेवभू[ आर्यरक्षित] सोमप्रभ [ बाहुबलिपुत्र ] सोमयशा [बाहुबलिसुत] सोमशर्मा [ द्विज] सोमशर्मा [ पुरोहित] सोमश्री [माणवप्रिया] सोमा [पार्श्वशिष्या] सोमिल [ सोमप] सोमिला [ द्विजप्रिया ] सोमेन्दु [ नृप] सौगन्धिका [पुरी] सौत्रामणी [ दिक्कुमारिका] सौदामिनी [नाटक] सौमनस [वन] किर्णिकासमन्विता उपदेशमाला] १८० | सौवीर [ पत्तन] १६८ स्कन्द [ ग्रामणीसुत] ८७ स्कन्दक [राजपुत्र-सूरि] १४०, १४१, १४२, २०७ २३९, २४० ३९४ स्तम्बपुर [ पुर] २१५, २१७ स्तिमित [दशाह] १७० २१५, २६२ स्थापत्या [ सार्थवाही] ३८७ २८६ स्थापत्यापत्य । [सार्थवाहीपुत्र-मुनि] ३८७, ३८८ २१५, २१७ स्थापत्यानन्दन ४४५, ४४६ स्थापत्यापुत्र १८५ स्थापत्यासूनु १४७, १४९ | स्थावर [द्विज] १८२ स्थूणा | [ सन्निवेश] ३६, ५७ ४८ ९३, ९७| स्थूलभद्र [शकडालपुत्र-मुनीन्द्र] १८४, १८७, १८९, १६२ १९०, १९१, १९२, १९३, १४२ १९४, १९६, २७४, २७९ १६४/ स्वयंबुद्ध [ मन्त्री] १० २५, २६ स्वयम्प्रभा [ देवी] ११, १२ २६० स्वर्णतेजा [कनकमालानुज] ३६० १८२, १८३ | स्वाती [नक्षत्र] ३०५ स्वामिदत्त [द्विज] ३०७ [ह] हयग्रीव [भूप] ३८, ३९ हरि[ ] १४३ १६८ हरि [कृष्णवासुदेव] १३८, १७८, १७९, १८२, १८३, २२०, ३२१, ३२२, ३८८ ३८८ हरि [ विद्युत्कुमारेन्द्र ] ७१ १८ हरिकुल [ कुल] ३४० १०९ हरिकेश ।[महर्षि] १४२, १४३, १६८ १९| हरिकेशबल ८० ९८

Loading...

Page Navigation
1 ... 559 560 561 562 563 564