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सेठ खुशालचन्द ४३ उसने जवेरीवाड के आगे सरदारों को खड़ा रखकर सूबेदार से और फौज भेजने के लिए कहा। ___ सैनिक ने सूबेदार को खबर दी कि जवेरीवाड में सेठ की अरब फौज लड़ने के लिए खड़ी है। वहीं दाखिल होने पर बड़ा तूफान खड़ा हो सकता है। ___ सूबेदार बोला-'कोई पर्वाह नहीं। समशेर और बन्दूकों के साथ हमला कर दो। फौज को हमले का हुक्म दो। फौज क्यों रोक रखी है।'
'हुजूर, अरब बहुत अधिक हैं। हमारी फौजें गिनती में कम है, इसलिए ज्यादा फौज चाहिए ऐसी सिपहसालार दिलावरखान ने पेशकश की है।' फौजी बोला।
सूबेदार बोला-'यह बात है, कितनी फौज चाहिए।' 'कम से कम पाँचसौ चाहिए' सिपाही बोला।
सूबेदार बोला-'इतनी फौज चाहिए, अरब कितने हैं ?' सिपाही बोला-'ठीक तो नहीं बता सकता, लेकिन पाँच सौ से ज्यादा होंगे।'
अब सूबेदार को मामले की गंभीरता का अहसास हुआ। फौजी वर्दी पहनकर, घोड़ा बुलाकर खुद जवेरीवाडी की ओर चल पड़ा। . ___जवेरी मोहल्ले के चारों ओर खाइयां खोदी गई और लकड़ी के ढांचों पर रेत की गुनियां लगाकर अरब बन्दूकों से लैस होकर खड़े थे । देखकर वह सोचने लगा कि हुक्म की यदि तामील नहीं होती है तो उसकी प्रतिष्ठा कम होगी और वह हुक्म तो दे चुका था। अहमदाबाद में उस वक्त सिर्फ फौज में पांच सौ से ज्यादा सैनिक नहीं थे। उन्हें वहां जाने का हुक्म दिया गया। शाही छावनी वहाँ बैठ गई। अहमदाबाद के चौक में संघर्ष की तैयारी होने लगी। नगरसेठ