Book Title: Tile Wale Baba Author(s): Mishrilal Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 5
________________ आजका दिन भी बेकार गया.... छिपकर चतरा जंगल में लटूलिए गाय की रखवाली करता रवा दिन भर गाय चरती रही संध्या के समय एक टीळेपर भा कर खड़ी हो गई और C | अरे । आश्च र्य उसका सारा बिना लगाये ही दूघटीले गाय का दूधटीले पर झर पर गिर रहाहै। गया। चलराघरलौटकर पत्नीसे कहता है भाग्यवान ।। पलालगा लिया कि गाय कादूध कहां जाता है। केवल पलालगा कर ही लौट आये,इतना बड़ालद्र किसलिए ले गये थे? कौन है दूध चारPage Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28