Book Title: Tile Wale Baba
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 23
________________ ग्वाले का हाथ लगते ही रथ आगे बढ़ने लगा। वर्द्धमान महावीर की प्रतिमा रथ में विराजमान है... रथ चलने लगा । Cook 21 अरे ! रथ फूल की तरह हल्का हो गया ! स्त्रियां गाती है सुख, सुहाग, सिन्दूर हमारा । महावीर उसका रखवारा

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