Book Title: Tile Wale Baba Author(s): Mishrilal Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 9
________________ 1000 चतुरा और लक्ष्मी धीरे धीरे अरे । मूर्ति मिट्टी हटाते हैं । मूर्ति का सिर दिखाई दे रही दिखाई देने लगता है.... (टीले वाले बाबा की जय टीले वाले बाबा की जय चतरा और लक्ष्मी की जयकार चतुरा। तूने कैसे जाना की आवाज सुनकर आस इस टीले में मूर्ति है? पास के ग्वाले इकनेहोगये मेरीचौरीगायटीले पर रोज दूध चढाती थी। चांदनपुर गांव के सभी लोग मूर्ति निकलने की खबर मूर्ति किसने निकाली? पाकर झुन्ड के झुन्ड में टीले पर पहुंचने लगे..... अरे! तुम्हें नहीं पता ? अपने चतुरा ग्वाला ने निकाली। 1982Page Navigation
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