Book Title: Tile Wale Baba
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 14
________________ एक दिन राजकुमार वर्द्धमान बगीचे में अपने साथियों के साथ सपने देवता का रूप धारण कियाऔरकहा खेल रहे थे।एक भयंकर सर्प निकला,सारे बच्चे भाग गये...पर. मैं संगम नामक मैं निर्भय हंकायरता धर्म नहीं है। देवता हूं तुम्हारी परीक्षा लेने आया थावईमान तुम वास्तवमें महावीर हो। MA 900 महान कार्य करने के कारण वर्दमानको बद्रमान महावीर पुत्र! तुम्हारी विवाहयोग्य आयु हो गई महावीर,वीर,सन्मति,अतिवीर आदि अनेक मांत्रिशला तथा राजा है।हम यशोदानामक सुन्दर राजकुमारी नामों सेजाना जाता है। सिद्धार्थसे बात करते है सेतुम्हारा विवाह करना चाहते हैं। 129200 0942 KAAG मपिताजी! मेरेलिए विवाह बंधन केसमान है।मैं संसार के प्राणियों की भलाई केलिए, आत्मकल्याण के लिए सन्यासीजनना चाहताहूं।

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