Book Title: Tile Wale Baba
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ देवता को भी ग्वाले के हाथों निकलना था भगवान की दृष्टि में सब मनुष्य समान है। अच्छा आदमी वह है जो अच्छे काम कर। अपन' ग्वाला कितना चरित्रवान है नमांस खाता है औरन शराब पीता, मर्ति के पास मेळासा लगा हुआ है। सभी जय जयकार कर रहे है.. 11 टीले वाळे बाबा की जय (टीले वाले बाबा की जय टीले वाले बाबा कीजय

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28