________________ समर्पण श्रुत की सतत् समुपासिका निर्दोष निष्काम स्वाध्याय साधिका आगमोक्तचर्या की अनुरागिका सतत् सत् साहित्य सृजनिका गणिनी आर्यिका श्री 105 सुपार्श्वमती माताजी के संयम यात्रा के ५०वें स्वर्णिम अमृत महोत्सव पर सादर समर्पित उन्हीं की तपः पूत लेखनी से निसृत यह श्रुत सार अमृत चरणानुरागिनी प्रमिला