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अध्याय -३
अथ तृतीयोऽध्यायः The Lower World and the Middle World
रत्नशर्करावालुकापंकधूमतमोमहातमःप्रभाभूमयो
घनाम्बुवाताकाशप्रतिष्ठाः सप्ताधोऽधः ॥१॥ अधोलोक में रत्नप्रभा, शर्कराप्रभा, वालुकाप्रभा, पंकप्रभा, धूमप्रभा, तमप्रभा और महातमप्रभा - ये सात भूमियाँ हैं और क्रम से नीचे-नीचे घनोदधिवातवलय, घनवातवलय, तनुवातवलय तथा आकाश का आधार है।
The lower world consists of seven earths* one below the other, surrounded by three kinds of air and space.
तासु त्रिंशत्पञ्चविंशतिपञ्चदशदशत्रिपश्चोनैकनरक
शतसहस्राणि पश्च चैव यथाक्रमम् ॥२॥ उन पृथ्वियों में क्रम से पहली पृथ्वी में 30 लाख, दूसरी में 25 लाख, तीसरी में 15 लाख, चौथी में 10 लाख, पाँचवीं में 3 लाख, छठवीं में पाँच कम एक लाख (99,995) और सातवीं में 5 ही नरक बिल हैं। कुल 84 लाख नरकवास बिल हैं।
* Ratna, Şarkarā, Vālukā, Panka, Dhūma, Tamah and Mahātamah - the word prabhā is taken with each of these.
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