Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Umaswati, Umaswami, Vijay K Jain
Publisher: Vikalp

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Page 139
________________ अध्याय - ९ अथ नवमोऽध्यायः Stoppage and Shedding of Karma आस्त्रवनिरोधः संवरः ॥१॥ [ आस्रवनिरोधः ] आस्रव का रोकना सो [ संवरः] संवर है अर्थात् आत्मा में जिन कारणों से कर्मों का आस्रव होता है उन कारणों को दूर करने से कर्मों का आना रुक जाता है उसे संवर कहते हैं। The obstruction of influx is stoppage (samvara). स गुप्तिसमितिधर्मानुप्रेक्षापरीषहजयचारित्रैः ॥२॥ [गुप्तिसमितिधर्मानुप्रेक्षापरीषहजयचारित्रैः] तीन गुप्ति, पाँच समिति, दश धर्म, बारह अनुप्रेक्षा, बावीस परीषहजय और पाँच चारित्र - इन छ: कारणों से [ सः] संवर होता है। Stoppage (is effected) by control, carefulness, virtue, contemplation, conquest by endurance, and conduct. तपसा निर्जरा च ॥३॥ [तपसा] तप से [निर्जरा च] निर्जरा होती है और संवर भी होता है। . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . 126

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