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अध्याय - ८
त्रयस्त्रिंशत्सागरोपमाण्यायुषः ॥१७॥ [ आयुषः ] आयु कर्म का उत्कृष्ट स्थिति [त्रयस्त्रिंशत्सागरोपमाणि ] तेंतीस सागर की है।
Thirty-three sāgaropamas is the maximum duration of life.
अपरा द्वादशमुहूर्ता वेदनीयस्य ॥१८॥ [ वेदनीयस्य अपरा] वेदनीय कर्म की जघन्य स्थिति [ द्वादशमुहूर्ता ] बारह मुहूर्त की है। The minimum duration of the feeling-producing karma is twelve muhurtas.
नामगोत्रयोरष्टौ ॥१९॥ [नामगोत्रयोः ] नाम और गोत्र कर्म की जघन्य स्थिति [अष्टौ ] आठ मुहूर्त की है।
The minimum duration of the name-karma and the status-determining karma is eight muhūrtas.
शेषाणामन्तर्मुहूर्ता ॥२०॥
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