Book Title: Suyagadanga Sutra Author(s): Sudharmaswami, Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 3
________________ दी मायनामनियनिंपराक्रमनोपिल जेकारणमाटेए जंत्रज्ञढुं ऊंझला जावदशदेशककमान करिस्में एलईनावें अनाग पुरूष माया सूराडागजी विगोमागसंगतियरकमणूकणामधुरिम शहरकेसन्ने महकमलेगावपनामवरदरीटोनिस्किस्सालि निवार्थपरंकमल उरीनाको कापणपई कादममा दिजिमएपुरूषजाई.तिमकम ऊरूप त्रज्ञ ऊनाज पंमित २. न जनजकरिव गरिखानुएटाय नमबरखुमरीदोगबजनियबंजहाणएसरिसेमन्ने अहमसिरिसेवयाने असलेपनिए वक्त मेधावी अबाल माळ मायनो नाल माना गनिपराकमनोजाग एहसकरितीवकी कम उपरि एड्वोकदीनई वियोमेहावी अबालेमगनमाविक भागसंगतिपरकम अनाने मेघनमवरघुमरीजनिरिकस्मानिस श्मबोटीनई नेरूषनेतले प्रकरिणी कमल यादम आवई आवीनईनेनलाई मोटरंगा,पाणी महाकादवेंश्ते कतिवधासे पुरिसेमलितपुरकरिणिंजाबंवलनिक मेतावताचणीमहंतेनएमहतैसेए नीरव को पिलश्न. कमलपलबिश्नवाक्यो तीरक्षकी साहमाता अंतरालप्रकरणी नई गारामांहिंश्चारलो बीन शुरुषबयो जी जेनीपुम्नपाम्पो यहीाहतारे-अययनमबरमरीयंगोलाएनौपाराए' अंतरावरकरणीसेटासिनिमन्सु श्मिनाते २ दिवें बीजउ मुझप जानकदे दिवई पुरूष पश्चिम दिशाथका प्राचीन कारणाने नेपक्करिणीने ममी ऊलोरीदेष | 'हावरेतचेयुरिसकाते अदपुश्सिपनिमा दिसान आगम्मतपुरकशिश'तामेरकशिणातीरेहिचाया मोटोएककक कमल चरती२पारखीले जावदशमनी निदा ते पुरुषबैश्व्याबका देवी, नीरक्षकानष्ट बा जेनीमा मंतिमहगंमबरखुमरीमें अणुयुबहितिजावयादिस्वतनदोलिपुरिसजातेपासतिपहीती पोदता कमलप्रवईनाक्या एक नीरनानही बीनातीर नावद कादममाहिना निवारेतेवातावरुषाभबोल्पा भीमाश्चर्य एअरूष | নাবিনের বাম अपने परमवरदारी गहनाएगोमाराए जानसेमसिणिसन्तततेणेपुरिसएवंनयासी अहोऽमेरि २यकी शिव प .विPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 154