Book Title: Suryaprajnapti Chandraprajnapti
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 273
________________ २२२ ] [ सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र मुहूर्त उपर्युक्त कोष्ठक नक्षत्र का चंद्र के साथ कितने मुहूर्त का योग होता है, यह बतलाने के लिये है। नक्षत्रों का सूर्य के साथ योग नक्षत्र संख्या सूर्य के साथ योग नक्षत्रों का नाम दिवस अभिजित शतभिषा, भरणी, आद्रा, आश्लेषा, स्वाति, ज्येष्ठा श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वा, भा. रेवती, अश्विनी कृतिका, मृगशिर, पुष्य, मघा; पू. फा. हस्त, चित्रा, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा २०३ उ. भा., रोहिणी, पुनर्वसु, उ. फा., विशाखा, उ. षाढ़ा। जो नक्षत्र चन्द्रमा के साथ १ दिवस के ६७ भाग में से अथवा उससे विशेष जितने भाग गमन करता है, उसके पाँचवें भाग प्रमाण सूर्य के साथ दिवस और मुहूर्त के परिमाण से गमन करता है। जैसे कि अभिजित नक्षत्र चन्द्र के साथ २१ । ६७ भाग गमन करता है तो सूर्य के साथ कितना गंमन करता है ? यह जानने के लिये २१ भाग को ५ से भाग देने पर ४ दिवस १ । ५ भाग मुहूर्त आते हैं। १।५ मुहूर्त निकालने के लिये ३० से गुणा करने पर ६ मुहूर्त आते हैं। जिसका आशय यह हुआ कि अभिजित नक्षत्र सूर्य के साथ ४ दिवस ६ मुहूर्त योग करता है। इस प्रकार अन्य स्थान पर भी समझना चाहिये। १५ मुहूर्त चन्द्र के साथ योग करने पर नक्षत्र का सूर्य के साथ योगकाल शतभिषा नक्षत्र चन्द्र के साथ १ दिवस के ६७ भाग में से ३३% भाग योग करता है, तो सूर्य के साथ कितने दिवस और कितने मुहूर्त योग करता है ? अतः ६ दिवस ७ । १० मुहूर्त सूर्य के साथ योग करता है। १. के मुहूर्त जानने के लिये ३० से गुणा करने पर २१ मुहूर्त आते हैं । अर्थात् शतभिषा नक्षत्र का सूर्य के साथ ६ दिवस और २१ मुहूर्त योग होता है। इसी प्रकार अन्य नक्षत्रों के लिये जानना चाहिये।

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