Book Title: Suryaprajnapti Chandraprajnapti
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 285
________________ २३४ ] [ सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र अभिवर्धित मास में चन्द्र कितने मंडल गमन करता है ? एक युग के अभिवर्धित मास ५७३, हैं। क्योंकि एक अभिवर्धित मास के मुहूर्त पर्व में बताये गये अनुसार - ९५९३७ मुहूर्त का एक मास। ९५९४६२+१७ - ५१६७५ युग के मुहूर्त १८३०४३० - ५४९०० मुहूर्त। उनके ६२ भाग करना चाहिये। ५४९००४६२ = ३४०३८०० भाग। ५९४७५/६२ मुहूर्त का एक अभिवर्धित मास होता है। ५४९०० मुहूर्त के कितने मास होंगे? ५४९००४६२ ३४०३८०० ५९४७५ ५९४७५ "५९४७५ ५७.३ (४७७५ से छेद चलता है।)। ५७ १३७२५ ५७ अभिवर्धित मास ३/१३ भाग। ५७, अभिवर्धित मास में ८८४ चन्द्रमंडल गमन करता है। तो एक अभिवर्धित मास में कितने चन्द्रमंडल गमन करेगा? ५७,३ - ७४४/१३ होते हैं। ७४४/१३ अभिवर्धित मास में कितने चन्द्रमंडल गमन करेगा? ८८४४१३ ११४९२ . १५ ७४४ ७४४ १८५ १५ मंडल चन्द्र गति करता है। ८३/१८६ भाग। अभिवर्धितमास में सूर्य कितने मंडल गमन करता है। एक युग के अभिवर्धित मास ७४४/१३ हैं, उनमें ९१५ सूर्यमंडल गति करता है तो एक अभिवर्धित मास में सूर्य कितने मंडल गमन करेगा? ९१५४१३ ११८९५ . १५२४५ ७४४ = ७४४- १५२४८

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