Book Title: Suryaprajnapti Chandraprajnapti
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 274
________________ परिशिष्ट ] [ २२३ ३० मुहूर्त चन्द्र के साथ योग करने पर नक्षत्र का सूर्य के साथ योगकाल श्रवण नक्षत्र के साथ एक दिवस के ६७ भाग योग करता है तो सूर्य के साथ कितने समय योग करता सूर्य के साथ होने वाले योग का समय जानने के लिये चन्द्र के साथ होने वाले योग के समय को ५ से भाग देने पर जो भाज्य-भाजक भाव से उपलब्ध होता है वह नक्षत्र का सूर्य के साथ का योगकाल समझना चाहिये। ६७५ = १३, दिवस २।५ के मुहूर्त निकालने के लिये ३० से गुणा करने पर १२ मुहूर्त होते हैं । अतएव उस प्रकार से १३ दिवस १२ मुहूर्त अन्य नक्षत्र के साथ भी सूर्य का योगकाल जानना चाहिये। ४५ मुहूर्त चन्द्र के साथ योग करने पर नक्षत्र का सूर्य के साथ योगकाल उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चन्द्र के साथ २०१ भाग योग करता है। उसका सूर्य के साथ कितने समय योग होता है, यह समझने के लिये ५ से भाग देने पर २०१४ करने पर २०१ आयेगा। उनके दिवस बनाने पर २० दिवस और ३ मुहूर्त समय होंगे। जो उत्तरभाद्रपद नक्षत्र का सूर्य के साथ योगकाल है। - सूत्र ३४ समाप्त . . ॥ दसवें प्राभृत का दूसरा प्राभृत-प्राभृत समाप्त ॥ सूत्र ४० पूर्णिमा और अमावस्या का चन्द्र योग को अधिकार कर सन्निपात पूर्णिमा कुल नक्षत्र उपकुल नक्षत्र कुलोपकुल नक्षत्र श्रावणी माघ धनिष्ठा श्रवण अभिजित भाद्रपदी फाल्गुनी उ. भाद्रपद पू. भाद्रपद शतभिाषा अश्विनी चैत्री अश्विनी रेवती कार्तिक वैशाखी कृत्तिका . भरणी मार्गशीर्षी जेष्ठा मृगशिर रोहिणी पौषी आषाढ़ी पुष्य पुनर्वसु माध्वी श्रावणी आश्लेषा फाल्गुनी उ. फाल्गुनी पू. फाल्गुनी चैत्री अश्विनी चित्रा हस्त १०. वैशाखी कार्तिकी विशाखा स्वाति अमावस्या २. نی نی आद्रा و मघा भाद्रपदी

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