Book Title: Suryaprajnapti Chandraprajnapti
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 270
________________ परिशिष्ट ] [ २१९ जम्बूद्वीप के ५ चक्रवाल की परिकल्पना करने पर १ चक्रवाल १२ मुहूर्तात्मक होता है। क्योंकि दानों सूर्य की अपेक्षा ६० मुहूर्त का काल ५ भागात्मक होता है। ॥ तीसरा प्राभृत समाप्त। - सूत्र २४ समाप्त ॥ सूत्र २५ तापक्षेत्र की संस्थिति तापक्षेत्र संस्थिति की आभ्यंतर-बाह्य का परिक्षेप ९४८६ योजन ९/१० भाग है। उसका गणित निम्न प्रकार है - परिक्षेप .. - ) (आयाम)२ - १० ) (विष्कम्भ)२ x १० (उसका विष्कम्भ)२ - १० (१००००)२५१० )१००००००००x१० ) १००००००००० ३१६२२०७७६ - ) १००००००००० १०० ६१ ३९०० ३७५६ ६३२२ ०१४४०० १२६४४ ६३२४२ ०१७५६०० १२६४८४ ६३२४४७ ०४९११६०० ४४२७१२९

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