Book Title: Supasnahachariyam Part 03 Author(s): Lakshmangani, Hiralal Shastri Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 4
________________ जैन- विविध साहित्य - शास्त्रमाला ( ४ ) Jain Education International श्रीलक्ष्मणगणिविरचितं सुपासनाहचरियं । ( तृतीयो भागः ) गूर्जरदेशान्तर्गतराजधन्यपुर वास्तव्येन श्रेष्ठित्रिकम चन्द्रतनूजेन कलिकाता विश्वविद्यालये संस्कृत - प्राकृताध्यापक-परीक्षकेण न्याय-व् प-व्याकरणतीर्थपदवीकेन पण्डित - दरगोविन्ददासेन संशोधित संस्कृतच्छायया विभूषितं च । वीरसंवत् २४४५ For Private & Personal Use Only | मृत्यं रूप्यकद्वयमा www.jainelibrary.orgPage Navigation
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