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परम्परा के अनुरूप इस प्रकार के सास्कृतिक प्रकाशनो की दिशा मे प्रारम्भ से ही सचेप्ट रहा है, तथा वर्तमान के इस पुनीत अवसर पर वह और भी अधिक तीव्रता के साथ सक्रिय है। सूक्ति त्रिवेणी का यह महत्त्वपूर्ण प्रकाशन इस अवसर पर हमारा पहला श्रद्धास्निग्ध उपहार है।
सूक्तित्रिवेणी की तीनो धाराएं सयुक्त जिल्द मे काफी बड़ी हो गई है। मत पाठको की विभिन्न रुचि एव सुविधा को ध्यान में रखते हुए सयुक्त रूप मे, तथा इसे अलग-अलग खण्डो मे भी प्रकाशित किया गया है।
तीनो धारामा की विषयानुक्रमणिका भी परिशिष्ट मे दे दी गई है, जिससे पाठको को विपयवार सूक्तियां देखने में सरलता व सुविधा रहेगी।
हमे प्रसन्नता है कि 'सूक्ति त्रिवेणी' की जितनी उपयोगिता अनुभव की जा रही थी, उससे भी कही अधिक आशाप्रद और उत्साहजनक मत-सम्मत हमे स्वत ही सव ओर से प्राप्त हो रहे हैं ।
-मंत्री सन्मति ज्ञान पीठ