Book Title: Sukhi hone ki Chabi Author(s): Jayesh Mohanlal Sheth Publisher: Shailesh Punamchand Shah View full book textPage 4
________________ पुस्तकें पढ़ते हुए, व्याख्यान सुनते हुए मन में कितने ही प्रश्न उपस्थित हों, तब कभी अनेक मतों के कारण मूल सिद्धांत विस्मृत हो जाता है और विषयांतर तथा विवादों में मुख्य बात और समझ भुला दी जाती है। लेखक का यह एक उत्तम प्रयास है कि इस विश्व का प्रत्येक जीव, किस प्रकार सुखी हो, उसके शाश्वत सिद्धांतों को उन्होंने संक्षिप्त, सरल और सुगम भाषा में हमें परोसा है। ऐसी अंग्रेजी कहावत है कि सफल व्यक्ति कुछ नया नहीं करता, जो मूलभूत नियम हैं और सिद्धांत हैं, उन्हें ही नियमितरूप से अपने जीवन में उतारकर वह सफल बन जाता है; इस न्याय से, हम यह सुखी होने की चाबी की सनातन बातें जीवन में उतारें और भवाटवी के चक्कर टाल दें। भगवान की कृपा से और लेखक की असीम महेर, करुणा और अपने अहोभाग्य से हमें इस भव-भव के चक्रव्यूह को भेदने की सादी - सरल चाबी, सामान्य मनुष्य (COMMON MAN) को भी समझ में आए ऐसी भाषा और शैली में प्राप्त हुई है। उनका यह प्रयत्न तभी सफल होगा, जब इस चाबी से प्रत्येक वाचक, अपने आत्मा को भवरूपी बंधन के ताले से मुक्त कराएँ/छुड़ाएँ अर्थात् नित्य वांचन, मनन, चिंतन और अमल करने से क्या अशक्य है ? कुछ भी नहीं । IV सुखी होने की चाबीPage Navigation
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