Book Title: Sukhi hone ki Chabi
Author(s): Jayesh Mohanlal Sheth
Publisher: Shailesh Punamchand Shah

View full book text
Previous | Next

Page 24
________________ सुबह उठकर... नित्य सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अर्थ सहित नमस्कार मंत्र गिनना और शक्य हो तो हरेक पद के तीन ऐसे कुल पंद्रह खमासणा वंदना करके फ़िर प्रतिक्रमण करना। अगर पूर्ण प्रतिक्रमण करने जितना समय न हो तो यहाँ दिया हुआ भाव प्रतिक्रमण अवश्य करना । प्रथम सीमंधर प्रभु की लेके सामायिक धारण करना अथवा तीन नमस्कार मंत्र गिन कर न पालूँ, तब तक का संवर धारण करना । भाव प्रतिक्रमण नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो आयरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सव्वसाहूणं, एसो पंच नमोक्कारो, सव्व पाव पणासणो, मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवई मंगलं । तिक्खुतो, आयाहिणं, पयाहिणं, वंदामि, नम॑सामि, सक्कारेमि, सम्माणेमि, कल्लाणं, मंगलं, देवयं, चेइयं, पज्जुवासामि। इच्छामि पडिक्कमिउं । इरियावहियाए विराहणाओ । गमणागमणे। पाणक्कमणे, बीयक्कमणे, हरियक्कमणे, ओसा, उत्तिंग, पणग, दग्ग, मट्टी, मक्कडा-संताणा संकमणे, जे मे जीवा विराहिया एगेंदिया, बेइंदिया, तेइंदिया, चउरिंदिया, पंचिंदिया। अभिहया, वत्तिया, लेसिया, संघाइया, संघट्टिया, परियाविया, किलामिया, उद्विया, ठाणाओ ठाणं, संकामिया, सुबह उठकर... १९

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59