Book Title: Sthanang Sutram Part 01
Author(s): Vijaychandrasguptasuri
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ आशीर्वादः श्रीस्थानाङ्गं श्रीअभय० वृत्तियुतम् भाग-१ // 4 // ऽयमेवमेव लाभान्वितो भवत्विति भृशमाशास्यते। अमीषामागमग्रन्थानामध्ययनं प्रसरतु श्रमणसंघे। श्रमणैश्चागमानाममीषामुपनिषद्भूत उपदेशः प्रसरतु सकलश्रीसंघे- इत्याशीर्वादः। तपागच्छाधिराजपूज्यपादाचार्यवर्यश्रीमद्विजयरामचन्द्रसूरीश्वराणां पट्टालङ्काकाराणां प्रशान्तमूर्तिपूज्यपादाचार्यवर्यश्रीमद्विजयजितमृगाङ्कसूरीश्वराणांचरणकिङ्करो विजयहेमभूषणसूरिः। कान्दीवली, मुंबई. विक्रम सं० 2064 वीर सं० 2534 पोष सुद 13 88888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888888HARARY // 4 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 538