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श्रीस्थाना
बे बोल
बे बोल ।
दीपिकावृत्तिः ।
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आगमनी अणमोल वाणीने प्रकाशित करनारी श्री देवचंद लालभाइ जैन पुस्तकोद्धार फंड नामनी संस्था वर्तमानना विषमय वातावरणमां जगतने अमृतर्नु पान करावी रही छे. प्रस्तुत श्री स्थानांग सूत्र १ यी १० संख्यावाळी वस्तुओनो विविध रीते निर्देश करनार खजानो छे आर्नु संपादन कार्य विद्वद्वर्य मुनिराज श्रीमित्रानंदविजयजी करेल छे थी स्थानांग सूत्रना आ प्रथम भागमा १ थी ५ संख्यावाळी वस्तुओनो संग्रह छे.
केटलाक संयोगोने लइने आ ग्रंथ प्रकाशित थवामां विलंब थयो छे. छतां घणा प्रयासथी प्रगट थतुं आ आगमरत्न भव्य जीवोना अंतरमा उज्ज्वळ प्रकाश पाथरी, तेमने मोक्षसुखना भोक्ता बनावे से ज महेच्छापूर्वक विरमुं .
श्रावण पूर्णिमा, वीर संवत २५००
पं. बाबुभाई सवचंद शाह मनसुखमाईनी पोळ
अमदावाद.
100000000000000000000000000000000000000000000000000
॥६॥
ली.
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