Book Title: Sramana 2012 07
Author(s): Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ श्रमण के यशस्वी लेखक वर्तमान वर्ष जैन विद्या के शोध एवं प्रकाशन के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान पार्श्वनाथ विद्यापीठ का कौस्तुभ जयन्ती वर्ष (1937-2012) है। स्थापना के आरम्भ से ही पार्श्वनाथ विद्यापीठ के संस्थापकों का उद्देश्य प्राकृत, जैन एवं तुलनात्मक विद्या के क्षेत्र में उच्चस्तरीय शोधकार्य, शोधग्रन्थों एवं मूलग्रन्थों के प्रकाशन के साथ ही इस क्षेत्र में कार्य करने हेतु गम्भीर अध्येताओं को तैयार करना था। इसके प्रबन्धन से जुड़े लोगों की लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठता, समर्पण, उदारता, जैनविद्या की नि:स्वार्थ सेवा की भावना एवं गौरवबोध इस संस्था की महान पूँजी रही है। विद्यापीठ की कौस्तुभ जयन्ती वर्ष के साथ ही इसका प्रतिष्ठापरक उपक्रम त्रैमासिक शोध पत्रिका श्रमण अपने प्रकाशन के 63वें वर्ष (सन् 1949 से आरम्भ) में प्रवेश कर चुकी है अर्थात् श्रमण भी अपनी विकास यात्रा की हीरक जयन्ती तीन वर्ष पूर्व (सन् 2009 ई.) पूर्ण कर चुका है। श्रमण की इस प्रकाशन-यात्रा को निर्बाध रूप से गतिमान रखने एवं इसे जैन विद्या की शीर्ष शोध-पत्रिकाओं में स्थान दिलाने में विद्वज्जगत् का योगदान सर्वथा सराहनीय रहा है। अपने प्रकाशन के आरम्भिक वर्षों में ही श्रमण द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों से देश की महान् हस्तियों को अपनी ओर आकृष्ट कर लेना पार्श्वनाथ विद्यापीठ के तत्कालीन प्रबन्धन एवं अकादमीय गतिविधियों से जुड़े लोगों की उच्च एवं व्यापक स्तर पर स्वीकार्यता का सबल प्रमाण है। सन् 1949 से आज तक श्रमण को अपनी लेखनी से महनीयता प्रदान करने वाले लेखकों पर दृष्टि डालना पार्श्वनाथ विद्यापीठ से किसी भी रूप में सम्बद्ध लोगों के लिए हर्षमिश्रित गौरवानुभूति का क्षण प्रदान करता है और ऐसा होना स्वाभाविक भी है क्योंकि श्रमण के यशस्वी लेखकों की सूची में सम्मिलित भारत के प्रथम राष्ट्रपति महामहिम डॉ. राजेन्द्र प्रसाद'सेवाग्राम कुटीर का सन्देश', वर्ष 1, अंक 4, सन् 1950, पृष्ठ 36-38, मंगल प्रवचन, वर्ष 9, अंक 2, सन् 1957, पृष्ठ 3-9

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 90