Book Title: Sramana 1992 01
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 113
________________ ( १११ ) श्रमण संघ के आचार्य श्री आनंदऋषि जी की पुण्यस्मृति में अहमदनगर में उनकी अंत्येष्टि के दिन ३० मार्च, ९२ को अपने सातवें दशक के प्रारम्भ एवं आचार्य श्री की दीक्षा के सातवें दशक को ध्यान में रखकर लोक-कल्याण की मंगलमय भावना से धार्मिक, शैक्षणिक, चिकित्सा आदि सेवाकार्यों के लिए अपने ट्रस्टों की कुल जमा राशि ७१ लाख रुपये करने की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि अभी पी. एस लुकड़ एण्ड संस चेरिटेबल ट्रस्ट तथा श्रीमती सुलोचनादेवी पी. लकड़ चेरिटेबल ट्रस्ट में कुल जमा राशि लगभग २५ लाख रुपये है। इस शुभ चिंतन की प्रेरणा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुलोचना देवी लुकड़, सुपुत्र श्री देवकुमार लुकड़ एवं राजेन्द्र लुकड़, पुत्रवधुओं श्रीमती हंसमुक्ता एवं श्रीमती कविता लुकड़, पौत्र सर्वश्रः संजोग, राजीव एवं गौतम लुकड़ अर्थात् पूरे परिवार की ओर से रही। श्री पुखराजमलजी एस लुकड़ ने कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष बनने के बाद कॉन्फ्रेन्स के अंतर्गत उच्च शिक्षा एवं चिकित्सा के लिए "जीवन प्रकाश' योजना प्रारम्भ की और सेवा के इस कार्य की सद्प्रेरणा से अपने निजी ट्रस्टों को समृद्ध कर उनके द्वारा पूरी मानव जाति की सेवा का कार्य प्रारम्भ किया है। यह विशेष उल्लेखनीय है कि श्री लकड़जी के ट्रस्टों द्वारा सेवा का कार्य किसी जाति, धर्म, सम्प्रदाय के भेदभाव से परे मानवीय दृष्टिकोण से होता है एवं भविष्य में होता रहेगा। लुकड़ परिवार का यह सेवा यज्ञ निरन्तर चलता रहे और श्री लकड़जी अपने द्वारा ही इन कार्यों के लिए ट्रस्टों में एक करोड़ का बड़ा फण्ड भविष्य में एकत्र करें, यही प्रभु से प्रार्थना है। - चंदनमल 'चाँद' मरुधरा जैन अभिनन्दन समारोह मरुधरा जैन अभिनन्दन समिति, जोधपुर के तत्वावधान में दिनांक १९.१.९२ को सरदार सीनियर उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में महामहिम डा० शंकर दयाल शर्मा, उपराष्ट्रपति, भारत सरकार द्वारा जैन समाज की चार अद्वितीय मूक समर्पित विभूतियों, उत्कृष्ट शिक्षाविद् एवं सेवाभावी श्री देवीचन्द जी शाह, साहित्य मनीषी एवं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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