Book Title: Sona aur Sugandh
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 159
________________ २५ सूत से भूत बँधता है एक सेठ का परिवार बहुत बड़ा था । उसका व्यापार भी खूब उन्नत था । जनशक्ति और धनशक्ति – दोनों से सम्पन्न था वह सेठ । एक दिन सेठ ने एक मोटी रस्सी मँगाई और सभी परिजनों को एकत्र करके बोला Magandang " एक-एक करके अपनी शक्ति की परीक्षा करो और इस रस्सी को तोड़ो ।" Jain Education International एक-एक करके सभी ने रस्सी को तोड़ने की कोशिश की पर किसी से भी वह रस्सी नहीं टूटी । सेठ ने रस्सो ली और उल्टा ऐंठकर उसके रेशे अलग कर दिये और बोला - "अब तोड़ो ।” सभी ने अलग-अलग रेशों को चट् चट् करके तोड़ दिया । सेठ ने सभी को सम्बोधित किया For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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