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[ २० ] अध्याय प्रधानविषय
पृष्ठाङ्क राष्ट्र संग्रह और राष्ट्र निर्माण (११३-११७) । राज्य कार्य में लगे हुए मनुष्यों की वृत्ति का माप (१२४-१२६ ) । वाणिज्य कर,
राज्यशासन नीति (१२७-२२६) । ८ राज्यधर्म दण्डविधानवर्णनम्
राजा को अपने सचिव वर्ग और मंत्री के साथ राजकाज देखने की विधि (२-३)। अट्ठारह व्यवहार का वर्णन 'ऋणादानादि' (४-८)। व्यवहार में धर्म की रक्षा का ध्यान (१५)। मन की भावना के चिह्न (२६)। व्यवहार की जानकारी
और साक्षी के चरित्र का वर्णन (४८-७५)। ८ राजधर्म दण्डविधाने साक्षिवर्णनम्-- १३८ साक्षी के विशेष निर्देश (७५-६६)। असत्य साक्षिवाद का पाप पृथक्पृथक् स्थानों पर (६७-१०१)। वृथा शपथ करने से पाप (१०१-११८)। असत्य साक्षी के दण्ड का विधान ( १२१-१२४ ) । राजा अपराधी को बिना दण्ड दिये
छोड़ देने से राजा को नरक गमन । ८ द्रन्यपरिमाणनिरूपण वर्णनम्
१४३ तौल (माप ) बनाने की विधि (१३२)। भृण लेने पर ब्याज की दर (१३६ )। किसी वस्तु के रखने पर चक्रवृद्धि में वृद्धि का सन्तुलन (१५०)।