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पृष्ठाङ्क
[ ४० ] अध्याय
प्रधानविषय म्लेच्छ ब्राह्मण, विप्र चाण्डाल [ ३७२-३८०]। श्राद्ध में वयं ब्राह्मण [ ३८४]। विद्वान होने पर भी पतित ब्राह्मण की पूजा नहीं की जाती है [ ३८५-३८६]। खरीदी हुई स्त्री के पुत्र श्राद्ध करने योग्य नहीं होते हैं [ ३८७] । धर्मफलवर्णनम्
३८८ दीपक की छाया, बकरी की धूलि की शुद्धि [ ३६० ] । स्नान के स्थानों का वर्णन [३६१]। पिण्डदान के स्थान एवं
समय का वर्णन [३६४] । अत्रि संहिता का महात्म्य [३६] । विशेष—इस संहिता में भी नारदी-स्मृति की तरह छोटे छोटे प्रकरण हैं।
प्रथम विष्णुस्मृति के प्रधान विषय १ शौनकम्प्रति राज्ञः प्रश्नोक्तिः, शौनकस्योत्तरम् ३८६
शौनक के प्रति ऋषियों का प्रश्न कि अन्तकाल में ध्यान करने से मोक्ष होता है [१-३] । युधिष्ठिरस्य पितामहं प्रति प्रश्नः, भीष्मस्य पुरातन वार्ताकथनमोङ्कारवर्णनं, विष्णोः प्रसादन विधि वर्णनम्, ईश्वरवर्णनम्, वरप्राप्तिवर्णनम्, नारायणवर्णनञ्च भीष्म के प्रश्न पर विष्णु भगवान् का उत्तर, नारायण नाम