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[ २३ ] अध्याय प्रधानविषय
पृष्ठात ६ पुत्रार्थ सम्पत्ति विभाग वर्णनम्
१८३ बारह प्रकार के पुत्रों के लक्षण। उनमें ६ दायाद और ६
अदायाद बताये हैं । (१५८-१८१ )। ६ ऐश्वर्याधिकारिपुत्र वर्णनम्
१८६ दायधन के विमाजन के अवान्तर प्रकार संसृष्टि के धन का
बँटवारा (१८२-२१५)। ६ अनेक दण्ड बर्णनम्
१६० राजा को चूत कर्म करनेवाले को राष्ट्र से हटाने का वर्णन (२२०)। मन्त्री लोग जो भ्रष्टाचार करे शासक उनको निकाल
कर दण्ड देवे (२३४) । महापाप चार है-ब्रह्म हत्या, गुरुतल्प. गमन, सुरापान और स्वर्ण स्तेयी (२३५)। पापों का वर्णन
और प्रायश्चित्त (२३६)। ६ राजधर्म दण्ड वर्णनम्
१६३ प्रजा पालन से राजा को स्वर्ग प्राप्ति ( २५६)। साहसिक (मारपीट करनेवाले) को दण्ड (२६७)। राज्ञः धर्मपालन वर्णनम्
१६७ कर लेने का समय ( ३०२)।