Book Title: Siddhachakra Mandal Vidhan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 5
________________ - सिद्ध छाक हो मंडलंविधान - भारतीreir a KHADMIN R eal श्रावक के अनेक धार्मिक कृत्यों में से पूजा और दान को आगम मे मुख्य बताया है । इसके लिये | आचार्यप्रवर श्री कुन्दकुन्दस्वामीने रयणसार में कहा है कि: दागा पूजा मुक्खं सावयधम्मे ण सावया तेण विणा । झाणाझयण मुक्खं जइधम्म ण ने विणा तहा सोवि ॥११॥ अर्थात्-श्रावक धर्म में दान और पूजा मुख्य हैं, इनके बिना वह श्रावक नहीं है। यति धर्म में ध्यान और अध्ययन प्रधान है। इनके बिना वह यति नहीं है। श्री सोमदेवसूरी कहते हैं कि: भारतीय श्रुति-दर्शन केन्द्र पुरदका 10862 देवपूजामनिर्माय मुनीननुपचर्य च मूल्य:यो मुजीत गृहस्थः सन् स भुञ्जीत परं तमः ॥ यश. आ. ८ - जयपर

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